आईपीएल की रफ्तार भरी दुनिया में बल्लेबाज़ों पर हर गेंद पर रन बनाने का दबाव होता है। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में धीमी लेकिन साहसी पारियां खेलकर अपनी टीम को मज़बूत स्थिति में पहुँचाया। आज हम नजर डालेंगे उन टॉप 5 बल्लेबाज़ों पर जिन्होंने सबसे धीमी फिफ्टीज़ बनाई हैं, और जानेंगे कि कैसे उनकी संयमित बल्लेबाज़ी और सबसे धीमी फिफ्टीज़ ने बड़ा फर्क डाला।
आईपीएल इतिहास की टॉप 5 सबसे धीमी फिफ्टीज़ की सूची
5. गौतम गंभीर

2010 के आईपीएल सीज़न में गौतम गंभीर ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अपनी टीम को संभालने वाली एक शानदार पारी खेली। यह मैच चेन्नई में हुआ था जहाँ पिच बल्लेबाज़ों के लिए आसान नहीं थी। गंभीर ने पूरी स्थिति को समझते हुए धीरे-धीरे अपनी पारी बनाई। उनकी यह पारी आईपीएल इतिहास की सबसे धीमी फिफ्टीज़ में से एक मानी जाती है। उन्होंने गेंदबाज़ों को सम्मान दिया और सही गेंदों का इंतजार करते हुए रन बटोरे। उनकी इस सूझबूझ और धैर्य ने दिल्ली डेयरडेविल्स को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।
गंभीर की यह पारी भले ही तेज़ न रही हो, लेकिन उनकी कप्तानी भरी समझ और स्थिति के अनुसार खेलना दर्शाता है कि क्रिकेट में धैर्य भी कितना महत्वपूर्ण होता है।
रन | गेंदें | चौके | छक्के | विरोधी टीम |
57* | 56 | 5 | 0 | चेन्नई सुपर किंग्स |
4. मुरली विजय

2013 में मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मुरली विजय ने बेहद संयमित अंदाज में बल्लेबाज़ी की। उन्होंने 50 गेंदों पर 50 रन बनाते हुए नाबाद रहते हुए अपनी टीम को आगे बढ़ाया। इस पारी में विजय ने बहुत सोच-समझकर रन बनाए और गैर-जरूरी जोखिम नहीं उठाया। उनकी यह शानदार पारी आईपीएल इतिहास की सबसे धीमी फिफ्टीज़ में से एक मानी जाती है। विजय ने पूरे धैर्य और समझदारी से शॉट चयन किए और गेंदबाज़ों को कोई भी मौका नहीं दिया। उनके इस प्रदर्शन ने टीम को स्थिरता दी और मुकाबले में अहम भूमिका निभाई।
टीम जब शुरुआती झटकों से जूझ रही थी, विजय ने लंगर डालकर खेला और स्कोरबोर्ड को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया। उनकी यह पारी एक आदर्श उदाहरण थी कि कैसे टिके रहना भी मैच जिताने में उतना ही अहम हो सकता है।
रन | गेंदें | चौके | छक्के | विरोधी टीम |
50* | 50 | 3 | 1 | किंग्स इलेवन पंजाब |
3. शिखर धवन

22 अप्रैल 2012 को शिखर धवन ने कटक के मैदान पर कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 50 गेंदों में 50 रन बनाकर एक शानदार तकनीकी पारी खेली। धवन की यह पारी आईपीएल इतिहास की सबसे धीमी फिफ्टीज़ में से एक मानी जाती है। इस पारी ने यह दर्शाया कि कठिन परिस्थितियों में टिके रहकर भी एक बल्लेबाज़ कैसे प्रभाव छोड़ सकता है। मुश्किल हालातों में संयम और धैर्य का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए शिखर धवन ने अपनी टीम को संभाले रखा। उनकी यह पारी आज भी सबसे चर्चित सबसे धीमी फिफ्टीज़ में गिनी जाती है।
उनकी पारी में ज्यादा जोखिम नहीं था। धवन ने चौकों से अपने रन बटोरे और एक बड़ा स्कोर बनाने की नींव तैयार की। टीम के लिए यह एक बेहद ज़रूरी पारी थी क्योंकि पिच बल्लेबाज़ी के लिए मददगार नहीं थी।
रन | गेंदें | चौके | छक्के | विरोधी टीम |
50 | 50 | 4 | 1 | कोलकाता नाइट राइडर्स |
2. पार्थिव पटेल

21 मार्च 2010 को पार्थिव पटेल ने चेन्नई के होम ग्राउंड पर किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ धीमी लेकिन ज़रूरी पारी खेली। उन्होंने 58 गेंदों पर 57 रन बनाए। यह पारी आईपीएल इतिहास की सबसे धीमी फिफ्टीज़ में से एक मानी जाती है। पार्थिव का मुख्य उद्देश्य पिच पर टिके रहना और टीम के लिए विकेट बचाना था। उस मैच में परिस्थितियाँ बल्लेबाज़ों के अनुकूल नहीं थीं, जिससे रन बनाना आसान नहीं था। पार्थिव ने धैर्य दिखाते हुए अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और चेन्नई को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाने में मदद की। उनकी यह पारी आज भी याद की जाती है।
पार्थिव ने बेहद संयम से खेला, और जब भी मौका मिला, उन्होंने शानदार शॉट्स भी लगाए। उनकी इस पारी में उन्होंने चार चौके और दो लंबे छक्के भी जड़े। उनकी फिफ्टी धीमी ज़रूर थी, लेकिन टीम की जीत में बड़ा योगदान रही।
रन | गेंदें | चौके | छक्के | विरोधी टीम |
57 | 58 | 4 | 2 | किंग्स इलेवन पंजाब |
1. जेपी डुमिनी

29 अप्रैल 2009 को डरबन में खेले गए मुकाबले में जेपी डुमिनी ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 63 गेंदों पर 59 रन बनाए। उनकी यह पारी आईपीएल इतिहास की सबसे धीमी फिफ्टीज़ में से एक रही। डुमिनी की धीमी बल्लेबाजी ने दर्शकों को चौंका दिया, क्योंकि उन्होंने फिफ्टी पूरी करने के लिए अपेक्षाकृत अधिक समय लिया। इस प्रकार की पारी को याद किया जाता है क्योंकि इसमें बल्लेबाज ने फिफ्टी तक पहुंचने के लिए ज्यादा गेंदों का सामना किया, जो आईपीएल में कम ही देखने को मिलता है। सबसे धीमी फिफ्टीज़ में उनका नाम हमेशा लिया जाएगा।
मुंबई इंडियंस उस समय कठिन परिस्थितियों में थी और विकेट जल्दी-जल्दी गिर रहे थे। ऐसे समय में डुमिनी ने एक छोर से विकेट संभालते हुए सूझबूझ से बल्लेबाज़ी की। उन्होंने चार चौके लगाए और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। डुमिनी की यह पारी बताती है कि कैसे एक सधी हुई बल्लेबाज़ी भी मैच का रुख बदल सकती है।
रन | गेंदें | चौके | छक्के | विरोधी टीम |
59 | 63 | 4 | 0 | किंग्स इलेवन पंजाब |
निष्कर्ष
आईपीएल में सिर्फ तेज़ रन बनाना ही सफलता की गारंटी नहीं है। कभी-कभी धैर्य, टिकाव और परिस्थितियों को समझते हुए बल्लेबाज़ी करना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। इन पांच बल्लेबाज़ों ने अपनी सूझबूझ भरी पारियों से यह साबित कर दिया कि मैदान पर ठहराव भी मैच जिताने में बड़ा रोल अदा कर सकता है।
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